नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीडब्ल्यूईबी)
•नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीडब्ल्यूईबी) के निदेशक के पद के लिए साक्षात्कार की संभावित सारणी - वर्ष 1943 में, दिल्ली विश्वविद्यालय अधिनियम द्वारा, नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड की स्थापना की गई थी, जहाँ महिला छात्रों को नियमित कक्षाओं में शामिल हुए बिना, विशेष कोचिंग सहित विश्वविद्यालय की कुछ परीक्षाएँ देने में सक्षम किया गया था। इसने नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीडब्ल्यूईबी) को आकार दिया।
बोर्ड ने सितंबर, 1944 में 3 छात्राओं के साथ काम करना आरंभ किया। वर्तमान में, यहाँ 24,000 से अधिक छात्राएँ नामांकित हैं। केवल राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में रहने वाली महिला छात्र ही बोर्ड की छात्राओं के रूप में अपना नामांकन करा सकती हैं। एनसीडब्ल्यूईबी रविवार को व्याख्यान सहित एक अनूठी प्रणाली है और छात्राओं को अपने सपनों को पूरा करने के लिए छह कार्यदिवसों से विमुक्त कर देती है। 100% कट-ऑफ, कक्षाओं की कमी, लिंग भेदभाव के इस नव-युग में, एनसीडब्ल्यूईबी एक स्वागत योग्य व्यवस्था और दिल्ली विश्वविद्यालय से डिग्री प्राप्त करने का सबसे संतोषजनक साधन है।
गैर-कॉलिजिएट महिला शिक्षा बोर्ड के स्नातक-पूर्व शिक्षण केंद्र
अदिति महाविद्यालय
आर्यभट्ट महाविद्यालय
भगिनी निवेदिता महाविद्यालय
भारती महाविद्यालय
व्यावसायिक अध्ययन महाविद्यालय
दीन दयाल उपाध्याय महाविद्यालय
डॉ. बी आर अम्बेडकर महाविद्यालय
हंसराज महाविद्यालय
जे.डी.एम.महाविद्यालय
ज़ीजस और मैरी महाविद्यालय
कालिंदी महाविद्यालय
केशव महाविद्यालय
लक्ष्मी बाई महाविद्यालय
महाराजा अग्रसेन महाविद्यालय
मैत्रेयी महाविद्यालय
माता सुंदरी महाविद्यालय
मिरांडा हाउस
मोती लाल नेहरू महाविद्यालय
पी.जी.डी.ए.वी.महाविद्यालय
राजधानी महाविद्यालय
रामानुजन महाविद्यालय
सत्यवती महाविद्यालय
श्री गुरू गोबिंद सिंह वाणिज्य महाविद्यालय
एसपीएम महाविद्यालय
श्री अरबिंदों महाविद्यालय
विवेकानंद महाविद्यालय
स्नातकोत्तर कक्षाएं ट्यूटोरियल भवन, कला संकाय, दिल्ली विश्वविद्यालय, नार्थ कैम्पस में आयोजित की जाती हैं।
उपलब्ध पाठ्यक्रम हैं:
एम.ए./ एम.एससी.गणित
अंग्रेज़ी में एम.ए.
हिंदी में एम.ए.
इतिहास में एम.ए.
दर्शन-शास्त्र में एम.ए.
राजनीति विज्ञान में एम.ए.
बांग्ला में एम.ए.
संस्कृत में एम.ए.
उर्दू में एम.ए.
पंजाबी में एम.ए.
अरबी में एम.ए.
फ़ारसी में एम.ए.
बोर्ड केवल 20% आवेदकों को समायोजित करने में सक्षम है और कट-ऑफ घोषित करके मेरिट के आधार पर प्रवेश दिया जाता है।
बोर्ड विभिन्न कारणों से नियमित महाविद्यालय में शामिल नहीं हो सकने वाली हजारों युवा महिलाओं को शनिवार/रविवार और शैक्षणिक अवकाशों में चलने वाली कक्षाओं में शामिल होकर, प्रसिद्ध दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त करने में सक्षम करता है। हालाँकि, नॉन-कॉलेजिएट छात्रों को किसी अन्य पूर्णकालिक पाठ्यक्रम में शामिल होने की अनुमति नहीं है।चूँकि कक्षा शिक्षण की व्यवस्था है, इसलिए कोई लिखित सामग्री नहीं दी जाती है। छात्राओं से नियमित रूप से कक्षाओं में भाग लेने की अपेक्षा की जाती है, क्योंकि नियमित महाविद्यालयों के छात्रों के साथ आयोजित विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में उपस्थित होने के लिए न्यूनतम 66% उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। छात्राओं से समय-समय पर प्रदर्शित विभिन्न सूचनाओं के लिए नोटिस बोर्ड देखने की भी अपेक्षा की जाती है। कोई भी जानकारी डाक द्वारा नहीं भेजी जाती है।बोर्ड सभीस्नातक-पूर्व छात्राओं को संबंधित शिक्षण केंद्रों में पुस्तकालय की सुविधा प्रदान करता है और एक स्नातकोत्तर पुस्तकालय कला संकाय भवन, उत्तरी कैंपस में स्थित है।बोर्ड एनसीडब्ल्यूईबी की छात्राओं के लिए डीटीसी के रियायती पास की सुविधा प्रदान करता है। बोर्ड जरूरतमंद और योग्य छात्राओं को शैक्षणिक वर्ष के लिए वित्तीय सहायता और पुस्तक ऋण की सुविधा देता है।
कक्षाएँ शनिवार या रविवार को और दिल्ली विश्वविद्यालय के अकादमिक अवकाश के समय आयोजित की जाती हैं। एक वर्ष में 50 शिक्षण दिवस होते हैं। कक्षाएं, स्नातक केंद्रों पर प्रातः 9 बजे से दोपहर 3:30 बजे तक आयोजित की जाती हैं। एक दिन में 6 पीरियड होते हैं।शनिवार/रविवार और शैक्षणिक अवकाश के समय शिक्षण संस्थानों में उपलब्ध मौजूदा बुनियादी ढांचे की कम लागत और और उसका उपयोग, नॉन-कॉलेजिएट शिक्षण कार्यक्रम का एक प्रमुख सुविधा है। नॉन-कॉलेजिएट छात्राओं को पढ़ाने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालयों के शिक्षकों को अतिथि संकाय के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया है। इन छात्राओं के उत्तीर्ण होने का प्रतिशत नियमित छात्रों के समान है।
अधिक जानकारी के लिए कृपया नॉन-कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड की वेबसाइट देखें।