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सत्यवती महाविद्यालय 
सत्यवती महाविद्यालय (शाम का सत्र) 
स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग ( पत्राचार के पूर्ववर्ती स्कूल & वयस्क शिक्षा) 
पुनर्वास विज्ञान स्कूल 
शहीद भगत सिंह कॉलेज 
शहीद भगत सिंह कॉलेज (शाम का सत्र) 
शहीद राजगुरु कॉलेज ऑफ एप्लाइड साइंसेज फॉर वुमेन 
शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज 
शिवाजी कॉलेज 
श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स 
श्याम लाल कॉलेज 
श्याम लाल कॉलेज (शाम का सत्र) 
श्यामा प्रसाद मुखर्जी कॉलेज फॉर विमेन 
श्री अरबिंदो कॉलेज 
श्री अरबिंदो कॉलेज (शाम का सत्र) 
श्री गुरु गोबिंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स 
श्री गुरु नानक देव खालसा कॉलेज 
श्री गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज 
श्री वेंकटेश्वर कॉलेज 
सेंट स्टीफन कॉलेज 
स्वामी श्रद्धानंद कॉलेज 
अनुप्रयुक्त सामाजिक विज्ञान और मानविकी संकाय
वाणिज्य संकाय और बिजनेस स्टडीज
शिक्षा विभाग
विधि संकाय
प्रबंधन अध्ययन के संकाय

विज्ञान संकाय

प्रौद्योगिकी संकाय
दिल्ली विश्वविद्यालय के बारे में


दिल्ली विश्वविद्यालय देश का एक प्रमुख विश्वविद्यालय है, जिसे उच्च शैक्षणिक मानकों, विविध शैक्षिक कार्यक्रमों, प्रतिष्ठित संकाय, शानदार पूर्व छात्रों, विभिन्न सह-पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियों और आधुनिक बुनियादी ढांचे की एक सम्मानित विरासत और अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा प्राप्त है। विश्वविद्यालय ने अपने अस्तित्व के अनेक वर्षों में, उच्चतम वैश्विक मानकों और उच्च शिक्षा में सर्वोत्तम प्रथाओं को कायम रखा है। राष्ट्र निर्माण की इसकी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता और सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों का दृढ़ता से पालन करने की सदिच्छा इसके आदर्श वाक्य: 'निष्ठा धृति सत्यम्' (समर्पण, स्थिरता और सत्य) में परिलक्षित है। 


वर्ष 1922 में तत्कालीन केंद्रीय विधान सभा के अधिनियम द्वारा एकात्मक, शिक्षण और आवासीय विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित, इस विश्वविद्यालय की शिक्षण, अनुसंधान और सामाजिक पहुँच में उत्कृष्टता के लिए एक सुदृढ़ प्रतिबद्धता ने विश्वविद्यालय को अन्य विश्वविद्यालयों के लिए आदर्श और पथ प्रदर्शक बना दिया है। भारत के राष्ट्रपति विश्वविद्यालय के विजिटर, उप-राष्ट्रपति इसके कुलपति और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश विश्वविद्यालय के सम-कुलपति हैं। तीन महाविद्यालयों और 750 छात्रों के साथ प्रारंभ किया गया, यह विश्वविद्यालय 16 संकायों, 80 से अधिक शैक्षणिक विभागों, महाविद्यालय की समान संख्या और सात लाख से अधिक छात्रों सहित भारत के सबसे बड़े विश्वविद्यालयों में से एक के रूप में विकसित हुआ है। विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तावित 500 से अधिक कार्यक्रमों को अकादमिक और कार्यकारी परिषदों द्वारा अनुमोदित किया जाता है, जिसमें से 209 कार्यक्रमों पर एनएसीसी मान्यता देने के लिए विचार किया जा रहा है। बाकी कार्यक्रम अलग-अलग मान्यता प्राप्त महाविद्यालयों में चलाये जा रहे हैं।


भारत और विदेशों से आने वाले छात्रों और संकायों के साथ, विश्वविद्यालय मनसा (विचार), वाचा (भाषण) और कर्मणा (क्रिया) उत्कृष्टता, अखंडता और स्पष्टता के प्रतीक के रूप में उभरा है।

तत्कालीन उप कुलपति, सर मौरिस ग्वेयर ने एक प्रतिष्ठित संकाय के आदर्श के रूप में कार्य करने के महत्व को महसूस करते हुए, पूरे देश में निरंतर प्रतिभाओं की खोज की और इस विश्वविद्यालय में  भौतिकी में प्रोफेसर डी. एस. कोठारी, रसायन शास्त्र में प्रो. टी.आर. शेषाद्रि, वनस्पति विज्ञान में प्रो. पी. माहेश्वरी और प्राणि–विज्ञान   में एम.एल. भाटिया जैसे प्रख्यात व्यक्ति शामिल हुए।

पाँच विभागों अर्थात् रसायन विज्ञान, भूविज्ञान, प्राणी विज्ञान, समाजशास्त्र और इतिहास को उन्नत अध्ययन केंद्रों का दर्जा दिया गया है। उन्नत अध्ययन के इन केंद्रों ने अपने-अपने क्षेत्रों में शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में अपने लिए उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में एक जगह बना ली है। इसके अतिरिक्त, विश्वविद्यालय के अनेक विभागों को उनके उत्कृष्ट शैक्षणिक कार्यों की मान्यता में यूजीसी के विशेष सहायता कार्यक्रम के अंतर्गत अनुदान प्राप्त हो रहा है। 10 विभागों (जर्मनिक एंड रोमांस अध्‍ययन, हिंदी, फारसी, भूगोल, संगीत, पूर्व एशियाई अध्ययन, नृविज्ञान, गणित, बी. आर. अम्बेडकर, एम आई एल) को डीआरएस के अंतर्गत अनुदान मिल रहा है, 2 विभागों (बौद्ध अध्ययन, अंग्रेजी) को डीएसए के अंतर्गत अनुदान मिल रहा है, 3 विभागों (अंग्रेजी, बौद्ध अध्ययन, सामाजिक कार्य) को एआईएसएचएसएस के अंतर्गत अनुदान मिल रहा है और 3 विभागों (अफ्रीकी अध्ययन, पूर्व एशियाई अध्ययन, विकासशील देशों के अनुसंधान केंद्र) को क्षेत्रीय अध्ययन कार्यक्रमों के अंतर्गत अनुदान मिल रहा है। विश्वविद्यालय के प्रौढ, सतत शिक्षा और विस्तार तथा महिला अध्ययन और विकास केंद्र भी यूजीसी से विशेष निधि प्राप्त कर रहे हैं। विश्वविद्यालय को आज विभिन्न महाविद्यालयों में स्थित पुस्तकालयों के अलावा 15 बड़े पुस्तकालय होने का गौरव प्राप्त है। अब भौतिकी और रसायन विज्ञान विभागों के समीप स्थित विश्‍वविद्यालय विज्ञान इंस्ट्रूमेंटेशन केंद्र (यूएसआईसी) में कई परिष्कृत और उच्च स्तरीय अनुसंधान उपकरण हैं। इन उपकरणों का उपयोग विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभागों के साथ-साथ दिल्ली और इसके आस-पास के कई अन्य संस्थानों के शिक्षक और अनुसंधान विद्वान करते है। विश्वविद्यालय ने हाल ही में उत्तर और दक्षिण परिसरों में सभी महाविद्यालयों और विभागों को जोड़ने वाला फाइबर-ऑप्टिक नेटवर्क लगाया है।

जब दिल्ली विश्वविद्यालय ने तेजी से बढ़ते शहर से तालमेल रखने के लिए कई दिशाओं में विस्तार किया, तब दक्षिण दिल्ली के निवासियों के बीच पहुँच की सुविधा के लिए 1973 में दक्षिण परिसर की स्थापना की गई। 1984 में इसे धौला कुआँ के पास बेनिटो जुआरेज़ रोड के अपने वर्तमान स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया। यह परिसर अब 69 एकड़ में फैले हरे, पहाड़ी क्षेत्रों में फैला हुआ है और इसकी इमारतों का प्राकृतिक परिवेश के साथ आकर्षक मेल है। विभिन्न विभाग कला संकाय और अंतर-विषयक एवं अनुप्रयुक्त विज्ञान संकाय में स्थित हैं। एस.पी. जैन सेंटर फॉर मैनेजमेंट स्टडीज भी दक्षिण दिल्ली परिसर में स्थित है। इनके अलावा, परिसर में एक अच्छा पुस्तकालय, एक स्वास्थ्य केंद्र, एक बैंक, एक डाकघर, डीटीसी पास अनुभाग और प्रशासनिक तथा परीक्षा ब्लॉक हैं। दक्षिण परिसर में संकाय सदस्यों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए कुछ आवासीय क्वार्टर भी हैं। बाहरी छात्रों को तीन छात्रावासों में आवास की सुविधा दी जाती है।

Last Updated: Thursday 30-Nov-23 16:33:27 IST
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बेनिटो जुआरेज़ मार्ग, साउथ कैंपस,
दक्षिण मोती बाग, नई दिल्ली, दिल्ली - 110021